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कोल लिंकेज घोटाले में बड़ा खुलासा, 13 फर्जी कंपनियां बना 71 करोड़ रुपये का कोयला बाहर बेचा

कोल लिंकेज घोटाले में ईडी की जांच में चौंकाने वाले तथ्य आए हैं। दो-तीन साल से नन ऑपरेशनल कंपनियों के नाम पर जेएसएमडीसी से सब्सिडी पर कोयला उठाया गया। इसे बनारस व धनबाद की ओपन मंडी में बेच दिया गया।

कोल लिंकेज घोटाले में ईडी की जांच में चौंकाने वाले तथ्य आए हैं। दो-तीन साल से नन ऑपरेशनल कंपनियों के नाम पर जेएसएमडीसी से सब्सिडी पर कोयला उठाया गया। इसे बनारस व धनबाद की ओपन मंडी में बेच दिया गया।

ईडी ने कोर्ट को दिए रिमांड पीटिशन में बताया है कि 13 एमएसएमई कंपनियों के लिए इजहार अंसारी ने अक्तूबर 2018 से मार्च 2023 के बीच 86568.22 टन कोयले की खरीद सब्सिडी रेट में की। 29 करोड़ 50 लाख 36 हजार 622 रुपये का भुगतान किया, जबकि इसे बाहर की मंडी में बिक्री 71 करोड़ 32 लाख 28 हजार 759 रुपये में की गई। अवैध कमाई का कमीशन खान विभाग के अफसरों व बड़े नेताओं को भी दिया गया। ईडी ने बताया है कि इसी प्रॉसीड ऑफ क्राइम से अर्जित 3.58 करोड़ रुपये की बरामदगी 3 मार्च 2023 की छापेमारी में हुई थी। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इजहार इस केस की जांच को प्रभावित करने में लगा था।

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किन-किन कंपनियों के नाम पर कोयला आवंटन

राजहंस इस्पात प्रॉ.लि., कहकशां इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकर फ्यूल, मेसर्स फलक फ्यूल, मेसर्स एसएन कोल ब्रिकेट और मेसर्स एनए उद्योग। कोल लिंकेज घोटाले में गिरफ्तार हजारीबाग के कोयला कारोबारी इजहार अंसारी को बुधवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में पेश किया गया।

जांच में ईडी को क्या-क्या मिला

बाहर की मंडी में कोयला बेचने के लिए सीसीएल, बीसीसीएल व जेएसएमडीसी के अवैध चालान का इस्तेमाल किया। कोयले की ढुलाई ट्रकों से की गई, लेकिन चालान की पड़ताल की गई तो यह दोपहिया वाहनों के भी निकले। ट्रक के मूवमेंट रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ किए जाने का खुलासा भी ईडी की जांच के बाद सामने आया।

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